Ramanathaswamy Temple : रामनाथस्वामी मंदिर, जो रामेश्वरम में स्थित है, भारत के सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। इस मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत बड़ा है और यह देश-विदेश से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
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प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक रामनाथस्वामी मंदिर || Ramanathaswamy Temple
मंदिर का इतिहास
रामनाथस्वामी मंदिर का इतिहास पौराणिक और ऐतिहासिक दोनों रूपों में महत्वपूर्ण है। यह माना जाता है कि भगवान श्रीराम ने अपनी पत्नी सीता को रावण से छुड़ाने के लिए लंका पर आक्रमण करने से पहले इस स्थान पर शिवलिंग की स्थापना की थी। उन्होंने भगवान शिव की आराधना की थी ताकि उन्हें युद्ध में विजय प्राप्त हो सके। युद्ध में जीत के बाद, श्रीराम ने अपने द्वारा स्थापित शिवलिंग की पूजा की, जिसे आज “रामलिंगम” कहा जाता है। बाद में, भगवान श्रीराम की भक्ति के प्रतीक के रूप में इस मंदिर का निर्माण किया गया।
वास्तुकला
रामनाथस्वामी मंदिर की वास्तुकला अत्यंत भव्य और अद्वितीय है। यह मंदिर द्रविड़ शैली में बना हुआ है, जो दक्षिण भारतीय मंदिरों की विशेषता है। मंदिर के गोपुरम (प्रवेश द्वार) की ऊंचाई लगभग 40 मीटर है, जो इसे दक्षिण भारत के सबसे ऊंचे गोपुरमों में से एक बनाता है। मंदिर में 22 तीर्थ कुंड (जलाशय) हैं, जिन्हें ‘थीर्थम’ कहा जाता है। श्रद्धालु इन तीर्थ कुंडों में स्नान करने के बाद ही मंदिर के अंदर प्रवेश करते हैं।
मंदिर का सबसे प्रसिद्ध हिस्सा उसका गलियारा है, जो 1,200 से अधिक स्तंभों से बना है। इस गलियारे की लंबाई लगभग 197 मीटर है, और इसे दुनिया के सबसे लंबे मंदिर गलियारों में से एक माना जाता है।
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धार्मिक महत्व
रामनाथस्वामी मंदिर का धार्मिक महत्व अत्यंत बड़ा है। यह मंदिर हिन्दू धर्म के विभिन्न सम्प्रदायों के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। भगवान शिव के अलावा, मंदिर में देवी पार्वती, भगवान गणेश, भगवान मुरुगन और भगवान विष्णु के मंदिर भी हैं। यह मंदिर चार धामों में से एक है, जो हिन्दू धर्म में चार सबसे पवित्र तीर्थ स्थानों में से एक माने जाते हैं। ये चार धाम हैं: बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी, और रामेश्वरम।
पूजा और त्यौहार
मंदिर में नियमित रूप से विभिन्न पूजा-अर्चना और अनुष्ठान होते हैं। शिवरात्रि, रामनवमी, और नवरात्रि यहाँ के प्रमुख त्यौहार हैं, जिन्हें बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इन अवसरों पर मंदिर में विशेष पूजा और आयोजन होते हैं, जो दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखते हैं।
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रामनाथस्वामी मंदिर (Ramanathaswamy Temple) न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। यह मंदिर भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, और इसके दर्शन मात्र से ही भक्तों को आत्मिक शांति और संतोष की अनुभूति होती है। इस मंदिर का दर्शन हर हिंदू के जीवन में एक बार अवश्य करना चाहिए, क्योंकि यह स्थल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।