Mysore Palace : कर्नाटक के मैसूर शहर में स्थित है यह शाही ऐतिहासिक महल

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Mysore Palace, Mysore Palace in Hindi

Mysore Palace : मैसूर महल, जिसे अंबा विलास पैलेस भी कहा जाता है, कर्नाटक के मैसूर शहर में स्थित है। यह भारत के सबसे शानदार और खूबसूरत महलों में से एक है। इसका शाही अंदाज और वास्तुकला भारत की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को दर्शाते हैं। पहले यह महल मैसूर के शाही परिवार का घर था, लेकिन अब यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है, जहां हर साल लाखों लोग घूमने आते हैं।

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ऐतिहासिक मैसूर का महल || Mysore Palace

महल का इतिहास

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मैसूर महल का निर्माण 14वीं शताब्दी में हुआ था, लेकिन इसे वर्तमान स्वरूप में 1897 में तैयार किया गया। महल का पुनर्निर्माण उस समय के मैसूर के महाराजा कृष्णराजा वोडेयार चतुर्थ ने करवाया था, जब पुराने महल को आग से नुकसान पहुंचा था। ब्रिटिश वास्तुकार हेनरी इरविन ने इसका पुनर्निर्माण किया, और इसे इंडो-सारसेनिक शैली में बनाया गया। इस शैली में हिंदू, मुस्लिम, राजपूत और गोथिक तत्वों का मिश्रण है, जो इसे अद्वितीय और आकर्षक बनाता है।

वास्तुकला की विशेषताएँ

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1. बाहरी संरचना

मैसूर महल तीन मंजिला इमारत है, जिसमें ग्रेनाइट पत्थरों से बनी दीवारें और गहरे गुलाबी रंग की संगमरमर की गुंबदें हैं। महल के चारों ओर कई विशाल टॉवर और गुंबदें हैं, जो इसे शाही महल का आभास देती हैं। मुख्य द्वार पर राजसी महाकाय तोरणद्वार है, जो सीधे महल के केंद्रीय प्रांगण की ओर खुलता है। महल के चारों ओर सुंदर बाग हैं, जो इसकी भव्यता को और भी बढ़ाते हैं।

2. आंतरिक सजावट

महल के अंदर की सजावट भी उतनी ही भव्य है जितनी इसकी बाहरी संरचना। महल के भीतर सोने के बने दरवाजे, जटिल लकड़ी की नक्काशी और कांच के काम से सजी दीवारें हैं। मुख्य दरबार हॉल विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जहां ऊँची छतों के नीचे भव्य झूमर लटके हुए हैं। यहां की दीवारों पर शाही परिवार और महल के इतिहास से जुड़ी पेंटिंग्स हैं, जो महल की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती हैं।

3. सांस्कृतिक महत्व

मैसूर महल केवल एक वास्तुशिल्प चमत्कार नहीं है, बल्कि यह मैसूर राज्य की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। यहां पर मैसूर दशहरा उत्सव का आयोजन होता है, जो पूरे कर्नाटक में प्रसिद्ध है। इस दौरान महल को रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया जाता है और शाही हाथी जुलूस का आयोजन किया जाता है, जो पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण होता है।

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पर्यटन जानकारी

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1. प्रवेश शुल्क और समय

मैसूर महल पूरे वर्ष पर्यटकों के लिए खुला रहता है। महल में प्रवेश के लिए भारतीय पर्यटकों को ₹70 और विदेशी पर्यटकों को ₹200 शुल्क देना होता है। महल सुबह 10:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है। सप्ताहांत और त्योहारों के दौरान यहां भारी भीड़ रहती है, इसलिए यात्रा की योजना पहले से बनाना उपयुक्त होता है।

2. महल के आस-पास के आकर्षण

मैसूर महल के आसपास भी कई अन्य प्रमुख पर्यटन स्थल हैं, जैसे चामुंडी हिल, जहां चामुंडेश्वरी देवी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। इसके अलावा, कुक्कराहल्ली झील और सेंट फिलोमिना चर्च भी प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।

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मैसूर महल (Mysore Palace) भारत की समृद्ध संस्कृति और इतिहास का प्रतीक है। इसकी शानदार बनावट, वास्तुकला और शाही इतिहास इसे खास पर्यटन स्थल बनाते हैं। अगर आप भारतीय इतिहास और संस्कृति को पसंद करते हैं, तो मैसूर महल जरूर देखना चाहिए।


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