भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने 2025 की संभावित स्थिति को देखते हुए ज़िलेवार मॉक ड्रिल्स शुरू की हैं। जानिए किन ज़िलों में कैसी तैयारी चल रही है।
भारत-पाक 2025 युद्ध की तैयारी शुरू सीमाओं पर बढ़ते तनाव के बीच दोनों देशों ने ज़मीनी स्तर पर सैन्य अभ्यास तेज़ कर दिए हैं।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य क्या है? सेना की युद्ध क्षमता, रणनीति, और समन्वय को परखना इन अभ्यासों का मुख्य मकसद है।
जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट ड्रिल राजौरी, पुंछ और सांबा ज़िलों में सघन मॉक ड्रिल की गई, स्थानीय प्रशासन भी शामिल।
पंजाब के सीमावर्ती ज़िले तैयार अमृतसर, गुरदासपुर और पठानकोट में बंकर, सेना मूवमेंट और ड्रोन निगरानी अभ्यास।
राजस्थान में रेगिस्तानी युद्ध अभ्यास जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर ज़िलों में सेना का थल युद्ध अभ्यास ज़ोरों पर।
साइबर युद्ध पर भी फोकस सैन्य कमांड सेंटर्स में साइबर अटैक सिमुलेशन और डेटा सुरक्षा ड्रिल्स कराई जा रही हैं।
ड्रोन और सैटेलाइट से निगरानी भारतीय सेना ने एडवांस ड्रोन और सैटेलाइट से सीमावर्ती गतिविधियों की निगरानी शुरू की।
आपातकालीन सेवाओं की भागीदारी फायर ब्रिगेड, मेडिकल टीमें और NDRF को मॉक सिचुएशन में तैनात किया गया।
पाकिस्तानी सेना भी सक्रिय सियालकोट, लाहौर और बहावलपुर के पास पाकिस्तानी सेना भी अपने अभ्यास तेज़ कर रही है।
स्थानीय नागरिकों को प्रशिक्षण सीमावर्ती गांवों में नागरिकों को भी प्राथमिक सुरक्षा और अलार्म प्रतिक्रिया की ट्रेनिंग दी गई।
न्यू टेक्नोलॉजी का प्रयोग AI, रडार, सिग्नल जैमर और आधुनिक संचार प्रणाली का मॉक ड्रिल्स में उपयोग हो रहा है।
शांति की उम्मीद, तैयारी पूरी हालांकि युद्ध टल जाए यही सभी की कामना है, लेकिन भारत हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
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