2025 की मुंबई मॉक ड्रिल

पहली बार नागरिकों को रियल-टाइम सैन्य ड्रिल में शामिल किया गया। आम लोग भी अभ्यास का हिस्सा बने और इमरजेंसी रोल्स निभाए।

एक मॉक ड्रिल रात 2 बजे गुप्त रूप से शुरू की गई थी। ताकि किसी भी समय हमले की स्थिति से निपटने की वास्तविकता जांची जा सके।

मुंबई लोकल ट्रेनों को आंशिक रूप से रोका गया था। पहली बार मॉक ड्रिल के दौरान लोकल सेवाएं रणनीतिक रूप से प्रभावित की गईं।

मुंबई के 5 अस्पतालों को युद्धकालीन ट्रॉमा सेंटर्स में बदला गया। केवल अभ्यास के लिए लेकिन व्यवस्था पूरी तरह से एक्टिव की गई।

बिना सूचना दिए ऑफिस एरिया से लोगों को खाली कराया गया। BKC में अचानक रेस्क्यू ऑपरेशन से भीड़ नियंत्रण की जांच की गई।

स्कूलों में बच्चों को स्पेशल ट्रेनिंग दी गई। कैसे हमले के दौरान खुद को सुरक्षित रखें, इसकी प्रैक्टिकल क्लास ली गई।

फूड सप्लाई पर भी मॉक ब्लॉकेड हुआ। अचानक सप्लाई चेन बंद कर वैकल्पिक व्यवस्था का परीक्षण हुआ।

पहली बार मॉक ड्रिल की मॉनिटरिंग एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने की। संयुक्त राष्ट्र की आपदा प्रतिक्रिया टीम ने ड्रिल का ऑडिट किया।

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