Top 10 places to visit in Rishikesh : उत्तराखंड राज्य का छोटा सा शहर ऋषिकेश (Rishikesh) विश्वभर में अपनी आध्यात्मिकता, रोमांचक गतिविधियों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। गंगा नदी के किनारे बसा यह शहर हर साल लाखों पर्यटकों, योग साधकों और रोमांच प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। अगर आप शांति, रोमांच और अध्यात्म का संगम देखना चाहते हैं, तो ऋषिकेश आपके लिए एक आदर्श स्थान है।
यहाँ हम आपके लिए लाए हैं — “ऋषिकेश में घूमने लायक टॉप 10 जगहें”, जो हर यात्री को एक अविस्मरणीय अनुभव देती हैं।
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1. लक्ष्मण झूला – ऋषिकेश की पहचान
लक्ष्मण झूला (Laxman Jhula) ऋषिकेश का सबसे प्रसिद्ध और ऐतिहासिक झूला पुल है। यह झूला 1929 में लोहे से बनाया गया था और गंगा नदी पर फैला हुआ है। कहा जाता है कि भगवान लक्ष्मण ने इसी स्थान पर जूट की रस्सी से गंगा पार की थी।
यहाँ से दिखाई देने वाला गंगा तट, पर्वतों का दृश्य और संध्या आरती का अनुभव मन को मोह लेता है। सूर्यास्त के समय यहां की छटा अविस्मरणीय होती है।
2. त्रिवेणी घाट – आरती और आस्था का संगम
त्रिवेणी घाट (Triveni Ghat) वह पवित्र स्थान है जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम माना जाता है। शाम के समय यहाँ होने वाली गंगा आरती अत्यंत मनमोहक होती है। दीप जलाकर गंगा में प्रवाहित करने की परंपरा देखने योग्य है।
यही नहीं, भक्त यहां गंगा स्नान और पिंड दान के लिए भी आते हैं। यह स्थान ऋषिकेश की आध्यात्मिक धड़कन कहा जा सकता है।
3. राम झूला – शांत और सुंदर पुल
राम झूला (Ram Jhula), लक्ष्मण झूले से कुछ दूरी पर स्थित है और यह भी गंगा नदी पर बना हुआ एक झूला पुल है। यह स्वर्गाश्रम और शिवानंद आश्रम को जोड़ता है। यहाँ से गंगा का दृश्य अत्यंत सुंदर दिखाई देता है।
आसपास कई योग केंद्र और आश्रम हैं जहाँ आप ध्यान, साधना और योग सत्रों में भाग ले सकते हैं।
4. नीलकंठ महादेव मंदिर – भगवान शिव का पवित्र धाम
ऋषिकेश से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर (Neelkanth Mahadev Temple) भगवान शिव को समर्पित है। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय विषपान करने के बाद भगवान शिव का गला यहाँ नीलवर्ण हो गया था।
यह मंदिर घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है। शिवरात्रि और सावन के महीने में यहां भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
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5. परमार्थ निकेतन आश्रम – योग और शांति का घर
परमार्थ निकेतन (Parmarth Niketan) ऋषिकेश का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध आश्रम है। यहाँ हर दिन गंगा आरती, योग कक्षाएँ और ध्यान सत्र आयोजित किए जाते हैं।
हर साल होने वाला अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव (International Yoga Festival) इस आश्रम की पहचान बन चुका है।
अगर आप आत्मिक शांति और सुकून की तलाश में हैं, तो यह स्थान आपके लिए स्वर्ग समान है।
6. द बीटल्स आश्रम – कला और अध्यात्म का संगम
1968 में प्रसिद्ध संगीत बैंड The Beatles ने इस आश्रम में कुछ महीने बिताए थे, जिसके बाद यह स्थान “Beatles Ashram” के नाम से मशहूर हुआ।
अब यह आश्रम एक ग्राफिटी आर्ट गैलरी बन चुका है जहाँ दीवारों पर बनी चित्रकलाएँ और उद्धरण बेहद आकर्षक हैं।
यहां का वातावरण रचनात्मकता और शांति दोनों का सुंदर मेल प्रस्तुत करता है।
7. गीता भवन – ज्ञान और धर्म का केंद्र
गीता भवन (Gita Bhawan) स्वर्गाश्रम क्षेत्र में स्थित है और यह धार्मिक ग्रंथों की अध्ययनशाला है। यहाँ पर हजारों श्रद्धालु धार्मिक कथा सुनने, प्रवचन में भाग लेने और संत दर्शन के लिए आते हैं।
यहाँ गंगा किनारे बैठकर ध्यान लगाना अत्यंत शांतिपूर्ण अनुभव देता है।
गीता भवन में मुफ्त चिकित्सा सेवा और सस्ती धर्मशाला व्यवस्था भी उपलब्ध है।
8. वशिष्ठ गुफा – ऋषि वशिष्ठ की तपोभूमि
गंगा नदी के किनारे स्थित वशिष्ठ गुफा (Vashishta Gufa) एक प्राचीन गुफा है जहाँ ऋषि वशिष्ठ ने वर्षों तक तपस्या की थी।
गुफा के भीतर प्रवेश करते ही शांत वातावरण और दिव्य ऊर्जा का अनुभव होता है।
ध्यान साधना करने वालों के लिए यह एक आदर्श स्थान है।
9. ऋषिकेश घाट और घाटी – प्राकृतिक सुंदरता का खजाना
ऋषिकेश घाट (Rishikesh Valley) गंगा के किनारे बसा एक खूबसूरत क्षेत्र है जहाँ पहाड़, जंगल और नदी का संगम देखने योग्य है।
यहाँ आप कैम्पिंग, बोनफायर, नदी किनारे योग और रिवर व्यू स्टे का आनंद ले सकते हैं।
प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए यह स्वर्ग से कम नहीं।
10. शिवपुरी – रोमांच प्रेमियों का केंद्र
अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं, तो शिवपुरी (Shivpuri) जरूर जाएं। यह स्थान रिवर राफ्टिंग, क्लिफ जंपिंग, कायकिंग, और कैंपिंग जैसी गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है।
गंगा नदी की लहरों पर तैरते हुए राफ्टिंग का रोमांच जीवनभर याद रहेगा।
साथ ही, शिवपुरी के आसपास का प्राकृतिक वातावरण मन को तरोताजा कर देता है।
ऋषिकेश घूमने का सही समय
ऋषिकेश जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच माना जाता है। इस समय मौसम सुहावना रहता है और आप सभी गतिविधियों का पूरा आनंद ले सकते हैं।
सावन के महीने में धार्मिक यात्राओं का विशेष महत्व होता है, जबकि सर्दियों में योग और ध्यान का अनुभव अद्भुत होता है।
कैसे पहुँचे ऋषिकेश
- रेल द्वारा: निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार है, जो मात्र 25 किमी दूर है।
- हवाई मार्ग: देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट ऋषिकेश से लगभग 21 किमी की दूरी पर स्थित है।
- सड़क मार्ग: दिल्ली, हरिद्वार और देहरादून से नियमित बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।
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ऋषिकेश केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि आध्यात्मिक अनुभवों का जीवंत रूप है। यहाँ की गंगा की धारा, पहाड़ों की शांति और वातावरण की पवित्रता हर आगंतुक के मन को छू जाती है।
