Siddhivinayak Mumbai Temple in Hindi : मुंबई का श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध और श्रद्धेय मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में न केवल स्थानीय श्रद्धालु आते हैं, बल्कि देश-विदेश से भक्त गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करने यहाँ पहुँचते हैं। यह मंदिर आस्था, भक्ति और भव्यता का अनोखा संगम है, जो हर श्रद्धालु के जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है।
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सिद्धिविनायक मंदिर का स्थान और पहुँच मार्ग
सिद्धिविनायक मंदिर महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के प्रभादेवी क्षेत्र में स्थित है।
- पूरा पता: श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर, एस. के. बोले मार्ग, प्रभादेवी, मुंबई – 400028
- निकटतम रेलवे स्टेशन: दादर (पश्चिम)
- दूरी स्टेशन से: लगभग 1.5 किमी
- कैसे पहुंचे: लोकल ट्रेन से दादर स्टेशन उतरें, फिर टैक्सी, ऑटो या पैदल मंदिर तक पहुँच सकते हैं
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
सिद्धिविनायक मंदिर की स्थापना वर्ष 1801 में लक्ष्मण विठू पाटिल द्वारा की गई थी। प्रारंभ में यह मंदिर एक छोटा सा लकड़ी का निर्माण था, परंतु आज यह एक भव्य पांच मंज़िला इमारत में परिवर्तित हो चुका है।
- मूल मूर्ति: श्री गणेश की एकल शिलामूर्ति, जिसकी सूंड दाईं ओर मुड़ी हुई है, जो कि अत्यंत दुर्लभ है।
- प्रारंभिक दाता: दीवाना पाटिल नामक महिला ने संतान प्राप्ति की मन्नत के बाद यह मंदिर बनवाया था।
श्री गणेश की मूर्ति की विशेषताएँ
श्री सिद्धिविनायक गणेश की प्रतिमा को “नवसाचा गणपति” (मनोकामना पूर्ण करने वाले गणपति) कहा जाता है। मूर्ति काली पत्थर से बनी है और इसकी सबसे खास बात यह है कि:
- इसकी सूंड दाईं ओर है, जो “सिद्धपीठ गणेश” की विशेष पहचान है।
- मूर्ति के दोनों ओर रिद्धि और सिद्धि की छोटी मूर्तियाँ भी विराजमान हैं।
- सिर पर सोने का मुकुट और ललाट पर त्रिनेत्र विराजित है।
धार्मिक गतिविधियाँ और पूजन विधि
मंदिर में प्रतिदिन विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और आरतियों का आयोजन होता है:
- प्रातः काल की आरती: सुबह 5:30 बजे
- मध्यान्ह आरती: दोपहर 12:00 बजे
- संध्या आरती: शाम 7:30 बजे
- शेज आरती: रात 9:50 बजे
भक्त विशेष पूजा, अभिषेक, मोदक भोग और वास्तु दोष निवारण पूजन के लिए बुकिंग कर सकते हैं। इसके अलावा मंदिर परिसर में यज्ञशाला और ध्यान केंद्र भी स्थित हैं।
विशेष पर्व और आयोजन
सिद्धिविनायक मंदिर में वर्ष भर कई विशेष पर्व और उत्सव मनाए जाते हैं:
1. गणेश चतुर्थी
- यह मंदिर गणेश चतुर्थी पर विशेष रूप से सजाया जाता है।
- लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए मुंबई आते हैं।
2. संकष्टी चतुर्थी
- हर महीने की संकष्टी चतुर्थी को विशेष पूजा होती है।
- रात्रि में चंद्रदर्शन के बाद विशेष आरती होती है।
3. मंगलवार विशेष
- मंगलवार को गणेश जी का दिन माना जाता है।
- इस दिन भक्तों की भीड़ अधिक होती है, विशेष आरती का आयोजन होता है।
मंदिर की वास्तुकला और परिसर
पांच मंज़िला सिद्धिविनायक मंदिर पूरी तरह से मराठी-हिंदू वास्तुशास्त्र पर आधारित है। इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- मुख्य गर्भगृह: जहां श्री गणेश जी की प्रतिमा स्थित है, सोने के जाली से सुरक्षित है।
- कांस्य का दीपस्तंभ: मंदिर के सामने स्थापित है, जिसकी रात्रि में आरती होती है।
- प्रसादालय और भक्त निवास: जहाँ मोदक और अन्य प्रसाद उपलब्ध होते हैं।
- लिफ्ट सुविधा: वृद्धों और दिव्यांगों के लिए
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मंदिर में दर्शन का अनुभव
मंदिर का वातावरण शांत, सात्विक और पूर्णतः आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा होता है। सुबह-सुबह मंदिर परिसर में शंख, घंटा और मंत्रोच्चार की ध्वनि वातावरण को पूर्णतः पवित्र बना देती है।
- भक्त जन घंटों लाइन में रहकर भी श्रद्धा पूर्वक दर्शन करते हैं।
- मंदिर के बाहर प्रसाद, मोदक, नारियल, फूलों की दुकानें लगी होती हैं।
- मोबाइल फोन और कैमरा मंदिर के गर्भगृह में अनुमति के बिना नहीं ले जा सकते।
श्रद्धालुओं के लिए सुझाव
- प्रातः दर्शन: सुबह 6 बजे से पहले पहुँचना बेहतर रहता है।
- ऑनलाइन बुकिंग: https://www.siddhivinayak.org पर पूजा और दर्शन स्लॉट बुक करें।
- भीड़ से बचाव: मंगलवार और गणेश चतुर्थी पर अत्यधिक भीड़ होती है।
- वस्त्र-विन्यास: सभ्य भारतीय पारंपरिक वस्त्र पहनना चाहिए।
मंदिर के पास यातायात और सुविधाएं
- लोकल ट्रेन: दादर, एल्फिन्स्टन रोड स्टेशन से ऑटो या पैदल
- बस सेवा: BEST बसें विभिन्न भागों से मंदिर के समीप पहुँचती हैं
- टैक्सी और ऐप कैब्स: Ola, Uber आदि उपलब्ध
- पार्किंग: मंदिर परिसर के पास सीमित पार्किंग सुविधा
मंदिर के पास घूमने लायक स्थान
- शिवाजी पार्क
- दादर चौपाटी
- प्रभादेवी समुद्र तट
- वर्ली सी लिंक
इन स्थानों को सिद्धिविनायक मंदिर दर्शन के साथ जोड़ा जा सकता है।
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श्री सिद्धिविनायक मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह मुंबई की आत्मा में बसी एक भावनात्मक शक्ति है। यहाँ आकर हर भक्त मन की शांति, आशीर्वाद और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है। जो लोग श्री गणेश के प्रति निष्ठा रखते हैं, उनके लिए यह मंदिर एक जीवन में एक बार अवश्य जाने योग्य स्थान है।