Kanheri Caves : कन्हेरी गुफाएँ, मुंबई के पश्चिमी उपनगर बोरीवली के संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित हैं। ये गुफाएँ भारतीय बौद्ध धर्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और प्राचीन कला और वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण हैं। इन गुफाओं का निर्माण लगभग पहली शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 10वीं शताब्दी ईसा तक किया गया था। कन्हेरी गुफाएँ 109 गुफाओं का एक समूह है, जो बौद्ध धर्म के विभिन्न चरणों और स्थापत्य कला के विकास को दर्शाती हैं।
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कन्हेरी गुफाएँ || Kanheri Caves
इतिहास
कन्हेरी गुफाएँ बौद्ध भिक्षुओं के निवास और ध्यान स्थल के रूप में उपयोग की जाती थीं। इन गुफाओं का नाम ‘कन्हेरी’ संस्कृत शब्द ‘कृष्णगिरी’ से निकला है, जिसका अर्थ है ‘काले रंग की पहाड़ी’। गुफाएँ बेसाल्ट की चट्टानों को काटकर बनाई गई हैं और इनमें स्तूप, विहार, चैत्यगृह, और मूर्तियाँ शामिल हैं।
प्रारंभिक बौद्ध काल में, ये गुफाएँ बौद्ध भिक्षुओं के लिए ध्यान और शिक्षा का केंद्र थीं। समय के साथ, गुफाओं की वास्तुकला में बदलाव आया और बाद के समय में यहाँ पर जटिल नक्काशी और मूर्तिकला भी देखी जा सकती है।
वास्तुकला
कन्हेरी गुफाएँ अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हैं। सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण गुफा चैत्यगृह है, जिसे गुफा संख्या 3 के नाम से जाना जाता है। यह गुफा एक विशाल प्रार्थना कक्ष है, जिसमें एक विशाल स्तूप स्थित है। चैत्यगृह का स्तंभों से घिरा हुआ आर्किटेक्चर और छत का डिज़ाइन बौद्ध स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
विहार, या भिक्षुओं के रहने के कक्ष, अन्य प्रमुख विशेषता हैं। इनमें छोटे-छोटे कक्ष हैं, जिनमें भिक्षुओं के लिए पत्थर की बनीं पलंग और ध्यान के लिए स्थान हैं। गुफाओं में बौद्ध धर्म के विभिन्न देवताओं और प्रतीकों की नक्काशी भी की गई है, जो बौद्ध कला की प्रगति को दर्शाती है।
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महत्व
कन्हेरी गुफाएँ न केवल एक धार्मिक स्थल थीं, बल्कि एक शिक्षा और ध्यान का केंद्र भी थीं। ये गुफाएँ भारतीय उपमहाद्वीप में बौद्ध धर्म के प्रसार और उसके विकास की कहानी बताती हैं। इसके अलावा, यहाँ पर मिलीं शिलालेख और चित्रकारी उस समय के सामाजिक और आर्थिक जीवन की जानकारी भी प्रदान करती हैं।
पर्यटन और संरक्षण
आज के समय में कन्हेरी गुफाएँ एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं। यह स्थल न केवल इतिहास और धर्म में रुचि रखने वालों के लिए, बल्कि प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक आदर्श स्थान है। संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान की हरियाली और शांति गुफाओं की भव्यता को और भी प्रभावशाली बनाती है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा इन गुफाओं का संरक्षण किया जा रहा है। पर्यटकों को गुफाओं के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए भी कई प्रयास किए जा रहे हैं।
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कन्हेरी गुफाएँ (Kanheri Caves) भारतीय बौद्ध स्थापत्य कला और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये गुफाएँ हमें अतीत की महानता और बौद्ध धर्म के प्रभावशाली इतिहास की याद दिलाती हैं। कन्हेरी गुफाएँ एक ऐसी धरोहर हैं, जो आज भी भारत की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करती हैं।