Best Places to visit in Mumbai : अगर आप मुंबई घूमने का सोच रहे हैं, तो आप एकदम सही जगह की योजना बना रहे हैं। मुंबई सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि एक अनुभव है – यहाँ इतिहास, आधुनिकता, संस्कृति, समुद्र और सिनेमा का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। आइए जानते हैं वो परफेक्ट डेस्टिनेशन्स जो आपकी यात्रा को यादगार बना देंगे।
यह भी पढ़े : मुंबई की 10 बेस्ट जगहें जो हर टूरिस्ट को देखनी चाहिए
1. गेटवे ऑफ इंडिया
गेटवे ऑफ इंडिया (Gateway of India) मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित एक ऐतिहासिक स्मारक है। यह भारत के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है।
स्थान
- मुंबई के अपोलो बंडर क्षेत्र में, अरब सागर के किनारे पर स्थित है।
इतिहास
- इसका निर्माण 1911 में किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी की भारत यात्रा की स्मृति में किया गया था।
- इसका निर्माण कार्य 1915 में शुरू हुआ और 1924 में पूरा हुआ।
- वास्तुकार: जॉर्ज विटेट (George Wittet)
वास्तुकला
- इसका डिज़ाइन इंडो-सारसेनिक शैली में है, जिसमें हिंदू और मुस्लिम वास्तुकला के तत्व शामिल हैं।
- ऊँचाई: लगभग 26 मीटर (85 फीट)
ऐतिहासिक महत्व
- जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब ब्रिटिश सैनिकों की अंतिम टुकड़ी 1948 में यहीं से रवाना हुई थी, इसलिए इसे “भारत के द्वार” का प्रतीक भी माना जाता है।
आज
- यह एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है और इसके पास से एलीफेंटा की गुफाओं तक फेरी सेवाएं भी चलती हैं।
- रात्रि में इसे सुंदर लाइटों से सजाया जाता है।
2. मरीन ड्राइव
मरीन ड्राइव (Marine Drive) मुंबई का एक बेहद प्रसिद्ध और खूबसूरत समुद्री तट वाला रास्ता है, जिसे “क्वीन्स नेकलेस” (Queen’s Necklace) भी कहा जाता है।
स्थान
- मरीन ड्राइव दक्षिण मुंबई में स्थित है और यह नरीमन पॉइंट से शुरू होकर चौपाटी (गिरगांव चौपाटी) तक फैला हुआ है।
लंबाई
- करीब 3.6 किलोमीटर लंबा यह तटवर्ती रास्ता एक अर्धचंद्राकार आकार में बना हुआ है।
खासियतें
- यहाँ से अरब सागर का नज़ारा बेहद मनोरम दिखता है, खासकर सूर्यास्त के समय।
- रात के समय जब सड़क की लाइटें जलती हैं, तो यह पूरा इलाका एक ज्वेल नेकलेस की तरह चमकता है — इसी कारण इसका नाम पड़ा क्वीन्स नेकलेस।
- यह स्थान सुबह की सैर, जॉगिंग, और प्रशांत समुद्री हवा का आनंद लेने के लिए आदर्श है।
स्थानीय जीवन और मनोरंजन
- यहाँ अक्सर लोग योग, ध्यान, या सिर्फ बैठकर समुद्र की लहरों की आवाज़ सुनते हैं।
- कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी यहाँ हो चुकी है।
- पास में स्थित चौपाटी पर बHELPूरी, पाव भाजी, कुल्फी जैसे स्ट्रीट फूड का मज़ा लिया जा सकता है।
रात का दृश्य
- रात में यह इलाका रोशनी से जगमगा उठता है और आसमान के नीचे बैठकर समुद्र की लहरें देखना एक बेहद शांत अनुभव होता है।
यह भी पढ़े : गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा केव्स – पर्यटक गाइड 2025
3. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CST)
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus – CSMT), जिसे पहले विक्टोरिया टर्मिनस (VT) के नाम से जाना जाता था, मुंबई का एक ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन है और यह UNESCO विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध है।
इतिहास और निर्माण
- इस स्टेशन का निर्माण 1887 में ब्रिटिश राज के दौरान रानी विक्टोरिया की गोल्डन जुबली (राजगद्दी के 50 वर्ष) के अवसर पर किया गया था।
- इसे ब्रिटिश वास्तुकार फ्रेडरिक विलियम स्टीवंस (F.W. Stevens) ने डिज़ाइन किया था।
- इसका नाम बाद में मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के सम्मान में बदल दिया गया।
वास्तुकला की विशेषताएँ
- इसका डिज़ाइन विक्टोरियन गोथिक रिवाइवल और पारंपरिक भारतीय वास्तुकला का मिश्रण है।
- भवन के बाहर की नक्काशी, गुंबद, मीनारें और पत्थर की मूर्तियाँ इसे अत्यंत भव्य बनाती हैं।
- स्टेशन के गुंबद पर एक महिला मूर्ति है, जो प्रगति (Progress) की प्रतीक है।
रेलवे और यात्री सेवा
- CSMT भारत के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक है।
- यह भारतीय रेलवे की सेंट्रल लाइन का प्रमुख टर्मिनल है, जहाँ से लाखों यात्री प्रतिदिन सफर करते हैं।
- यहाँ से लंबी दूरी की गाड़ियाँ और लोकल ट्रेनों दोनों का संचालन होता है।
UNESCO विश्व धरोहर
- 2004 में इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।
- यह स्टेशन भारत की औद्योगिक और स्थापत्य धरोहर का प्रतीक है।
सांस्कृतिक महत्त्व
- CSMT को कई फिल्मों में भी दिखाया गया है, जैसे स्लमडॉग मिलियनेयर, रा.वन, और शूटआउट एट लोखंडवाला।
- यह मुंबई की पहचान का एक अहम हिस्सा है।
रात्रि का दृश्य
- रात को जब स्टेशन को लाइटिंग से सजाया जाता है, तब यह किसी महल जैसा दिखता है — देखने लायक दृश्य होता है।
4. जुहू बीच
जुहू बीच (Juhu Beach) मुंबई का सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध समुद्र तट है। यह न केवल स्थानीय लोगों बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है।
स्थान
- जुहू बीच मुंबई के विले पार्ले और सांताक्रूज़ के बीच पश्चिमी तट पर स्थित है।
- यह अरब सागर के किनारे फैला हुआ एक सुंदर समुद्र तट है।
मुख्य विशेषताएँ
- जुहू बीच अपनी शाम की रौनक, स्ट्रीट फूड, और मनोरंजक माहौल के लिए जाना जाता है।
- यहाँ का सूर्यास्त देखना एक अत्यंत शांत और मनमोहक अनुभव होता है।
- बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए यह एक पसंदीदा स्थान है।
खाना और स्ट्रीट फूड
- जुहू बीच पर मिलने वाला चाट, ब HELPूरी, सेव पुरी, पाव भाजी, वड़ापाव, और कुल्फी बहुत मशहूर है।
- यहाँ का खाना स्वाद और ताजगी दोनों के लिए जाना जाता है।
मनोरंजन और गतिविधियाँ
- यहाँ आपको घुड़सवारी, ऊँट की सवारी, बच्चों के झूले, और कई खेल-कूद गतिविधियाँ देखने को मिलेंगी।
- कई टीवी और बॉलीवुड सितारे भी जुहू क्षेत्र में रहते हैं, इसलिए आप किसी सेलेब्रिटी को भी टहलते देख सकते हैं।
सुबह की शांति और योग
- सुबह के समय जुहू बीच पर बहुत से लोग योग, ध्यान, और सैर करते हैं। समुद्र की ठंडी हवा बहुत ही ताजगी देती है।
कैसे पहुँचे
- यहाँ पहुँचने के लिए आप विले पार्ले, अंधेरी या सांताक्रूज़ रेलवे स्टेशन से ऑटो या टैक्सी ले सकते हैं।
- यह मुंबई के किसी भी कोने से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
यह भी पढ़े : गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई के पास कौन सा रेलवे स्टेशन है?
5. हाजी अली दरगाह
हाजी अली दरगाह (Haji Ali Dargah) मुंबई का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो समुद्र के बीच स्थित होने के कारण एक अनोखा और आकर्षक अनुभव प्रदान करता है। यह दरगाह मुस्लिम संत हाजी अली शाह बुखारी की मज़ार है और यहाँ हर धर्म के लोग श्रद्धा से आते हैं।
स्थान
- यह दरगाह मुंबई के वर्ली और महालक्ष्मी के बीच समुद्र के अंदर एक छोटे से टापू पर स्थित है।
- मुख्य भूमि से एक पतला पैदल मार्ग इसे जोड़ता है, जो ज्वार के समय डूब जाता है और भाटा के समय ही दरगाह तक पहुँचना संभव होता है।
इतिहास
- हाजी अली शाह बुखारी एक अमीर मुस्लिम व्यापारी और सूफी संत थे, जिन्होंने दुनिया के मोह-माया को छोड़कर आध्यात्मिक जीवन अपनाया।
- कहा जाता है कि उन्होंने मक्का की यात्रा के बाद मुंबई में निवास किया और यहीं उनका निधन हुआ।
- उनकी इच्छानुसार उनकी मज़ार समुद्र के बीच बनाई गई।
वास्तुकला
- दरगाह की इमारत सफेद संगमरमर से बनी है, जिसमें इस्लामिक-मुग़ल वास्तुशैली झलकती है।
- गुंबद और मीनारें इसे अत्यंत सुंदर बनाती हैं।
- परिसर में एक मस्जिद भी स्थित है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व
- यह दरगाह मुस्लिमों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है, लेकिन यहाँ हर धर्म के लोग दर्शन और दुआ के लिए आते हैं।
- श्रद्धालु फूल, चादर और इत्र लेकर मज़ार पर चढ़ाते हैं।
- यहाँ का वातावरण आध्यात्मिक और शांति से भरपूर होता है।
समुद्री रास्ता और अनुभव
- दरगाह तक पहुँचने के लिए समुद्र के बीचोंबीच बना एक संकरा रास्ता पार करना पड़ता है।
- जब समुद्र में उच्च ज्वार (High Tide) होता है, तो यह रास्ता डूब जाता है और दरगाह अस्थायी रूप से अलग हो जाती है — यह एक बहुत ही रहस्यमय और अद्भुत अनुभव होता है।
कैसे पहुँचे
- महालक्ष्मी रेलवे स्टेशन से दरगाह कुछ ही दूरी पर है।
- टैक्सी या बस द्वारा यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है।
6. बांद्रा-वर्ली सी लिंक
बांद्रा-वर्ली सी लिंक (Bandra-Worli Sea Link), जिसे आधिकारिक रूप से राजीव गांधी सागर सेतु कहा जाता है, मुंबई का एक अत्याधुनिक और प्रतिष्ठित समुद्री पुल है। यह न केवल इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना है, बल्कि मुंबई के ट्रैफिक सिस्टम को बेहतर बनाने में भी इसकी बड़ी भूमिका है।
परिचय
- यह पुल बांद्रा (पश्चिमी उपनगर) को वर्ली (दक्षिण मुंबई) से जोड़ता है।
- इसका उद्देश्य पश्चिमी उपनगरों से दक्षिण मुंबई तक की दूरी और समय को कम करना था।
निर्माण और विशेषताएँ
- निर्माण की शुरुआत: 2000
- उद्घाटन: 30 जून 2009
- कुल लंबाई: लगभग 5.6 किलोमीटर
- यह केबल-स्टे और कंक्रीट तकनीक का उपयोग कर बना है।
- इसे हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (HCC) ने बनाया था।
यातायात और लाभ
- पहले बांद्रा से वर्ली पहुंचने में 30 से 45 मिनट लगते थे, लेकिन सी लिंक के माध्यम से यह सफर मात्र 10 मिनट में पूरा किया जा सकता है।
- यह पुल टोल रोड है, और इसमें दोनो दिशाओं में कई लेन मौजूद हैं।
रात का दृश्य
- रात में जब सी लिंक को रंग-बिरंगी लाइटों से रोशन किया जाता है, तब यह दृश्य किसी फिल्मी सेट जैसा लगता है।
- समुद्र के ऊपर से गुजरते समय हवा और नज़ारा दोनों अद्भुत होते हैं।
पर्यटकों के लिए आकर्षण
- यह मुंबई का एक आइकॉनिक लैंडमार्क बन चुका है।
- बहुत से लोग इसे देखने और तस्वीरें लेने के लिए आसपास के स्थानों जैसे वर्ली सी फेस, बांद्रा फोर्ट, या माउंट मैरी चर्च के पास से इसे निहारते हैं।
पैदल चल सकते हैं?
- नहीं, बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर पैदल चलना या साइकिल चलाना अनुमति नहीं है। यह केवल मोटर वाहनों के लिए आरक्षित है।
यह भी पढ़े : जानिए नई दिल्ली स्टेशन से अरुण जेटली स्टेडियम कैसे पहुँचें
7. सिद्धिविनायक मंदिर
सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Mandir) मुंबई का एक प्रमुख और अत्यंत पूजनीय भगवान गणेश का मंदिर है। यह न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे भारत में आस्था और विश्वास का एक बड़ा केंद्र है।
परिचय
- सिद्धिविनायक मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें संकटमोचन और विघ्नहर्ता कहा जाता है।
- यह मंदिर मुंबई के प्रभादेवी इलाके में स्थित है।
इतिहास
- इस मंदिर की स्थापना 19 नवम्बर 1801 को हुई थी।
- मंदिर का निर्माण लक्ष्मण विठु और देवी देवकी बाई पाटिल नामक भक्तों ने करवाया था।
- शुरू में यह एक छोटा-सा मंदिर था, जो आज भव्य और विशाल स्वरूप में बदल चुका है।
विशेषताएँ
- मंदिर में विराजमान भगवान गणेश की मूर्ति काले पत्थर से बनी है, जिसकी सूंड दाईं ओर है — जो अत्यंत दुर्लभ मानी जाती है।
- मूर्ति के दोनों ओर रिद्धि और सिद्धि की प्रतिमाएं भी हैं, जो समृद्धि और बुद्धि की प्रतीक हैं।
भक्तों की भीड़
- मंगलवार को यहाँ भारी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
- बॉलीवुड सितारों, राजनेताओं, और बड़े व्यापारियों से लेकर आम जनता तक, सभी यहाँ आकर आशीर्वाद लेते हैं।
- गणेश चतुर्थी के अवसर पर यह मंदिर विशेष रूप से सजाया जाता है और लाखों भक्त शामिल होते हैं।
कैसे पहुँचें
- निकटतम रेलवे स्टेशन: दादर (पश्चिम)
- यहाँ से आप पैदल या ऑटो/टैक्सी के माध्यम से मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
- मंदिर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाएं काफी अच्छी हैं।
विश्वास और मान्यता
- मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद यहाँ पूरी होती है।
- कई लोग यहाँ नवीन कार्यों की शुरुआत से पहले पूजा करवाते हैं।
यात्रा टिप्स
- मंदिर में मोबाइल, कैमरा आदि ले जाने की अनुमति नहीं है, इसलिए पहले से व्यवस्था रखें।
- सुबह जल्दी जाना बेहतर होता है ताकि दर्शन में भीड़ कम मिले।
8. फिल्म सिटी (गोरेगांव)
फिल्म सिटी, गोरेगांव (Film City, Goregaon) मुंबई का एक अत्यंत प्रसिद्ध और रोचक स्थान है, जहाँ भारत की सैकड़ों फिल्मों, धारावाहिकों और विज्ञापनों की शूटिंग होती है। इसे बॉलीवुड की रीढ़ भी कहा जा सकता है।
परिचय
- फिल्म सिटी को आधिकारिक रूप से दादा साहेब फाल्के चित्रनगरी कहा जाता है।
- यह मुंबई के गोरेगांव (पूर्व) में आरे कॉलोनी के पास स्थित है।
भौगोलिक क्षेत्र
- यह परिसर करीब 520 एकड़ में फैला हुआ है।
- यहाँ बीहड़ जंगल, नकली गांव, आलीशान महल, कोर्टरूम, रेलवे स्टेशन, अस्पताल, और सड़कें — सब कुछ सेट के रूप में मौजूद है।
स्थापना और इतिहास
- फिल्म सिटी की स्थापना 1977 में महाराष्ट्र सरकार ने की थी।
- इसका उद्देश्य था — फिल्म निर्माण को एक समर्पित स्थान और संसाधन प्रदान करना।
कैसे पहुँचे
- निकटतम रेलवे स्टेशन: गोरेगांव (पूर्व)
- वहाँ से ऑटो या कैब द्वारा फिल्म सिटी आसानी से पहुँचा जा सकता है।
- पर्यटकों के लिए विशेष टूर भी उपलब्ध होते हैं, जिसमें आपको शूटिंग सेट, बैकस्टेज और अन्य फिल्म निर्माण से जुड़ी गतिविधियाँ दिखाई जाती हैं।
सामान्य दर्शकों के लिए सुझाव
- यहाँ हर समय आम जनता को प्रवेश नहीं मिलता — अधिकतर क्षेत्र शूटिंग के कारण प्रतिबंधित रहते हैं।
- लेकिन आप महाराष्ट्र टूरिज़्म की मदद से आधिकारिक गाइडेड टूर बुक कर सकते हैं।
यह भी पढ़े : क्यों गेटवे ऑफ इंडिया को कहा जाता है मुंबई का मुकुट?
9. कालाबा कॉज़वे मार्केट
कालाबा कॉज़वे मार्केट (Colaba Causeway Market) मुंबई का एक प्रसिद्ध और जीवंत बाजार है, जहाँ शॉपिंग, खाने-पीने और संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलता है। यह जगह स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
परिचय
- कालाबा कॉज़वे दक्षिण मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया के पास स्थित है।
- यह बाजार एक सड़क किनारे फैला हुआ हेरिटेज मार्केट है, जो रंग-बिरंगी दुकानों और भीड़-भाड़ से भरा रहता है।
क्या-क्या मिलता है यहाँ?
- यहाँ आपको हर प्रकार का सामान मिल सकता है:
- ज्वेलरी: ऑक्सीडाइज़्ड, बीडेड, ट्रेडिशनल और मॉडर्न डिज़ाइनों की ढेरों वैरायटी।
- कपड़े: कुर्तियाँ, टी-शर्ट, स्कार्फ, पैंट्स, स्टॉल्स, जैकेट्स आदि।
- जूते-चप्पल: सस्ते और स्टाइलिश फुटवियर।
- एंटीक आइटम्स: पुराने सिक्के, मूर्तियाँ, शोपीस आदि।
- हैंडिक्राफ्ट्स और सजावटी सामान।
- अगर आप बार्गेनिंग में माहिर हैं, तो ये जगह आपके लिए किसी जन्नत से कम नहीं।
खाना-पीना
यहाँ के प्रसिद्ध कैफे और रेस्टोरेंट जैसे:
- Cafe Leopold
- Cafe Mondegar
- Bade Miya (स्ट्रीट फूड)
- वड़ा पाव, रोल्स, फ्रूट जूस, चाय और चाट की भी कई स्टॉल्स हैं।
कैसे पहुँचे
- निकटतम स्टेशन: Churchgate या CST (छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस)
- वहाँ से टैक्सी या पैदल भी पहुँच सकते हैं।
टिप्स
- कैश रखें: कई दुकानों पर कार्ड स्वीकार नहीं किए जाते।
- बार्गेनिंग ज़रूर करें, कीमतें आमतौर पर अधिक बताई जाती हैं।
- दिन के समय थोड़ी भीड़ हो सकती है, तो सुबह जल्दी या शाम को जाना बेहतर होता है।
10. नेहरू प्लैनेटोरियम और साइंस सेंटर
नेहरू प्लैनेटोरियम और नेहरू साइंस सेंटर, मुंबई के दो प्रमुख शैक्षणिक और वैज्ञानिक स्थल हैं, जो बच्चों, छात्रों और विज्ञान प्रेमियों के लिए बेहद रोचक अनुभव प्रदान करते हैं। ये स्थान विज्ञान को देखने, समझने और उसे महसूस करने का एक शानदार जरिया हैं।
स्थान
- वरली, मुंबई में ही स्थित, यह भारत के सबसे बड़े विज्ञान संग्रहालयों में से एक है।
मुख्य आकर्षण
- इंटरैक्टिव साइंस गैलरी: यहाँ बच्चे खेल-खेल में विज्ञान के सिद्धांतों को खुद करके समझते हैं।
- डायनासोर गैलरी, एनर्जी शो, इनोवेशन हब, साउंड गैलरी, ह्यूमन एंड मशीन इंटरफेस आदि प्रमुख आकर्षण हैं।
- ओपन एयर साइंस पार्क, जहाँ बड़े-बड़े वैज्ञानिक उपकरण खुले में लगे हैं।
बच्चों और परिवारों के लिए आनंददायक
- इंटरैक्टिव मॉडल्स और लाइव डेमोंस्ट्रेशन बच्चों के दिमाग को उत्सुकता और खोज की ओर प्रेरित करते हैं।
- यहाँ पर साइंस मैजिक शो, रोबोटिक्स वर्कशॉप, और स्टूडेंट इनोवेशन प्रोजेक्ट्स भी समय-समय पर आयोजित होते हैं।
खुलने का समय
- प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक (हो सकता है सोमवार को बंद हो)
टिकट और जानकारी
- दोनों स्थानों की टिकट दरें अलग-अलग शो और आयु वर्ग के अनुसार होती हैं।
- समूह या स्कूल टूर के लिए अग्रिम बुकिंग करना अच्छा रहता है।
बोनस टिप्स
- मुंबई में लोकल ट्रेन की यात्रा भी एक अनोखा अनुभव है।
- मॉनसून के मौसम में मरीन ड्राइव और कार्टर रोड खासा सुंदर दिखते हैं।
- अगर आप एडवेंचर पसंद करते हैं तो संजय गांधी नेशनल पार्क में ट्रैकिंग ज़रूर करें।
यह भी पढ़े : गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा तक का सफर
मुंबई अपने हर कोने में कुछ खास छुपाए बैठा है। चाहे आप फोटोग्राफी पसंद करते हों, शॉपिंग के दीवाने हों या शांत जगह की तलाश में हों – मुंबई में सबके लिए कुछ न कुछ है।