सिद्धिविनायक मंदिर का गौरवशाली इतिहास और उससे जुड़ी मान्यताएं

1801 में लक्ष्मण विठु और देऊबाई पाटिल द्वारा इस मंदिर की स्थापना की गई थी।

यह मंदिर गणपति भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है, विशेषकर मंगलवार को।

पहले यह एक छोटा लकड़ी का मंदिर था, जिसमें सिर्फ एक काला पत्थर का गणेश मूर्ति थी।

गणपति की मूर्ति स्वयंभू मानी जाती है, जिसमें दाईं सूंड है और देवी रिद्धि-सिद्धि साथ में हैं।

देऊबाई पाटिल ने नि:संतान महिलाओं की इच्छा पूर्ति के लिए मंदिर बनवाया था।

1990 के बाद मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ और अब यह भव्य और आधुनिक रूप में है।

हर दिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, खासकर मंगलवार को लंबी कतार लगती है।

अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण जैसे कई बॉलीवुड सितारे यहां दर्शन करने आते हैं।

मान्यता है कि यहां मांगी गई मुरादें जरूर पूरी होती हैं, इसलिए इसे "सिद्धि" विनायक कहा जाता है।

मंदिर परिसर में कड़ी सुरक्षा है, साथ ही श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद, जल व रैंप जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

मंदिर महाराष्ट्र के मुंबई शहर के प्रभादेवी क्षेत्र में स्थित है।

मुंबई की धड़कन सिद्धिविनायक गणपति मंदिर